गोबर, छाछ और गुड़ से किसान घर पर सुपर खाद तैयार करने की पूरी विधि
परिचय
आज के समय में कृषि क्षेत्र में रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में जैविक खाद का महत्व बढ़ गया है। गोबर, छाछ और गुड़ से बनने वाली सुपर खाद एक उत्कृष्ट जैविक उत्पाद है, जो न केवल मिट्टी को पोषण देता है बल्कि फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता को भी बढ़ाता है। यह खाद बनाने की विधि सरल और किफायती है, जिसे किसान घर पर ही तैयार कर सकते हैं।
सुपर खाद के लाभ
1. मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाना: यह खाद मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ाती है, जिससे मिट्टी की संरचना सुधरती है।
2. पोषक तत्वों की उपलब्धता: इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।
3. पर्यावरण के अनुकूल: यह खाद रासायनिक खादों के विपरीत पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती।
4. किफायती: इसे घर पर ही स्थानीय सामग्री से तैयार किया जा सकता है, जिससे लागत कम होती है।
5. फसलों की गुणवत्ता में सुधार: इस खाद के उपयोग से फसलों की पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ती है।
उपयोग में आने वाली सामग्री
1. गोबर: 10 किलोग्राम (ताजा और अच्छी गुणवत्ता वाला)
2. छाछ: 2 लीटर
3. गुड़: 500 ग्राम
4. पानी: 10 लीटर
5. मिट्टी का बर्तन या प्लास्टिक का ड्रम: एक बड़ा बर्तन जिसमें सभी सामग्री मिलाई जा सके।
खाद बनाने की विधि
खाद बनाने की विधी 7 चरणों में पूरी होती है इसलिए सभी को ध्यान से पढ़े और समझे
पहला चरण: सामग्री की तैयारी
सबसे पहले गोबर को अच्छी तरह से फैलाकर सूखने दें ताकि उसमें मौजूद अतिरिक्त नमी कम हो जाए। गुड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें ताकि वह आसानी से पानी में घुल जाए। छाछ को सामान्य तापमान पर रखें।
दूसरा चरण: गोबर को मिलाना
एक बड़े मिट्टी के बर्तन या प्लास्टिक के ड्रम में 10 किलोग्राम गोबर डालें। गोबर को अच्छी तरह से हाथों से मसलकर बारीक कर लें ताकि उसमें कोई गांठ न रह जाए।
तीसरा चरण: गुड़ का घोल तैयार करना
एक अलग बर्तन में 500 ग्राम गुड़ को 2 लीटर गर्म पानी में घोलें। गुड़ को पूरी तरह से घुलने दें। इस घोल को ठंडा होने के लिए रख दें।
चौथा चरण: सभी सामग्री को मिलाना
ठंडे गुड़ के घोल को गोबर में डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। इसके बाद 2 लीटर छाछ को भी मिश्रण में डालें। अब 10 लीटर पानी धीरे-धीरे डालते हुए मिश्रण को गाढ़ा होने तक मिलाएं। मिश्रण को इतना गाढ़ा रखें कि वह बहने न लगे।
पाँचवा चरण: किण्वन प्रक्रिया
मिश्रण को बर्तन में ही रखें और उसे ढक दें। बर्तन को ऐसी जगह रखें जहां सीधी धूप न पड़े और तापमान सामान्य रहे। मिश्रण को रोजाना एक बार हल्के से हिलाएं ताकि किण्वन प्रक्रिया सही तरीके से हो सके।
छटवा चरण: खाद तैयार होने का समय
इस मिश्रण को 7 से 10 दिनों तक किण्वन के लिए छोड़ दें। इस दौरान मिश्रण में से एक हल्की खट्टी गंध आने लगेगी, जो यह दर्शाती है कि खाद तैयार हो रही है। 10 दिनों के बाद मिश्रण गाढ़ा और गहरे रंग का हो जाएगा, जो खाद के तैयार होने का संकेत है।
सतवा चरण: खाद का उपयोग
तैयार खाद को छानकर अलग कर लें। इस खाद को पानी में मिलाकर फसलों की जड़ों में डाला जा सकता है। 1 लीटर खाद को 10 लीटर पानी में मिलाकर उपयोग करें। यह खाद फसलों को पोषण देने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाती है।
सावधानियां: खाद बनाते समय किसानों को निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए
1. खाद बनाते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
2. मिश्रण को हमेशा ढककर रखें ताकि उसमें कीड़े या अन्य अशुद्धियां न मिलें।
3. खाद को तैयार होने के बाद एक महीने के भीतर उपयोग कर लें।
4. खाद को सीधे धूप में न रखें, इससे इसके पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं।
निष्कर्ष
गोबर, छाछ और गुड़ से बनी सुपर खाद एक प्राकृतिक और प्रभावी जैविक उत्पाद है, जो किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल मिट्टी को स्वस्थ बनाती है बल्कि फसलों की पैदावार और गुणवत्ता को भी बढ़ाती है। इस खाद को बनाने की विधि सरल और किफायती है, जिसे कोई भी किसान घर पर आसानी से तैयार कर सकता है। जैविक खाद के उपयोग से हम न केवल अपनी फसलों को बेहतर बना सकते हैं बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
इस तरह, गोबर, छाछ और गुड़ से बनी सुपर खाद किसानों के लिए एक सस्ता, प्रभावी और टिकाऊ समाधान है, जो आधुनिक कृषि में जैविक तरीकों को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।
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